दीपशिखा
मैं दीपशिखा सी जलती रहूं
हे देव !! तेरे चरणों में
मेरे मन मंदिर के
एक श्याम तुम्हीं हो
तुम करुणा के सागर
मेरे घनश्याम तुम्ही हो
हे देव !! तेरे चरणों में
ना राधा सा प्यार मांगू
ना मीरा सा इकरार
बस मेरी पूजा हो स्वीकार
हे देव!! तेरे चरणों में
आंखे है दीया मेरी
आंसुओं का है तेल
जल जल गिरते हैं
मेरे मन पीड़ा के मैल
हे देव !! तेरे चरणों में
नयनों के नीर से
आंसुओं का है तेल
जल जल गिरते हैं
मेरे मन पीड़ा के मैल
हे देव !! तेरे चरणों में
नयनों के नीर से
चरण तेरे पखारते
ह्रदय के अंतस से
सिर्फ तुम्हे पुकारते
मेरी प्रार्थना हो स्वीकार
हे देव !! तेरे चरणों में
साथ तेरा ना मिला होता
तो तिनके सा बह जाती
तेरे दर पे शीश झुकाकर
चन्दन बन गई मैं
हे देव !!तेरे चरणों में
रंजना वर्मा