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Tuesday, 23 January 2024

  





पावन नगरी अयोध्या धाम,
आज घर आए भगवान।
आज धरा पे चरण पड़े हैं,
मर्यादा पुरुषोत्तम राम।
तीनों लोकों के नायक नाथ,
धरती पर आए भगवान 
जय राम जय राम जय श्री राम।।
 
 युग युग से इंतज़ार में जिनके 
सत्य न्याय का विजय पताका।
आज धरा पर विराज रहें, 
राम लला की प्राण - प्रतिष्ठा।  
हुंकार हो रही चारो दिशा में, 
आज घर आए भगवान।    
जय राम जय राम जय श्री राम।। 

सरयू तट का घाट घाट पे, 
प्रभु चरण पखारने को। 
कब से जोह रहा बाट बाट है,
राह में पलक बिछाए हैं।
थक गयी थी अँखियों की पलकें, 
सांस सांस भी भारी थी। 
सदियों से जो सपने सजाये, 
आज उसी की बारी है। 
 गूंज रहा सहस्त्र शंखनाद,  
देवलोक से आए भगवान 
जय राम जय राम जय श्री राम।।

रंजना वर्मा
पटना


 



Saturday, 23 December 2023




 जब चंचल मन को शोधित करते 
तो खुलता है साधना का प्रथम द्वार।।

ब्रह्ममुहुर्त में उठकर नित्य करें
अपने ईष्ट देव को याद।।

खुद से खुद का करें मुलाकात
और करें ध्यान ऊं निराकार।।

श्रद्धा और विश्वास दोनों 
ये है भक्ति के आधार।।

नित्य कर्म पर चलकर 
करें परमात्मा का ध्यान।। 

ह्रदय के अंतस में बहते रहे 
हरदम करुणा की धार।।

सत्य कर्म के राह पर हो 
हमारा हर एक काम।।

अनुशासित जीवन रहे 
मिले गुरुजनों का आशीर्वाद।।

बसुदधैव कुटुंबकम् की भावना से
 करते रहे हर जन से प्यार।।

हरि को भजते रहें 
मन में रखकर शुद्ध विचार।।


Ranjana Verma


Thursday, 31 August 2023

यशोधरा


 यशोधरा 

            
प्रिये तुम सोते छोड़ गये।
आँख खुली तो सेज सूने 
सुने थी महलों के कोने। 
शेष रह गयी मैं यहाँ जीने। 

              नयनों से निर्झर बह निकले 
              पाकर खुद को यहाँ अकेले। 
              ये कैसा विश्वास छला था
              मेरा जीवन व्यर्थ हो चला था। 

तुझ संग ही बांधी थी 
मैं अपने जीवन की डोर। 
निकल गए तुम मेरे 
सारे सपनों को यूं तोड़। 

 बुद्ध बन तुम दुनिया को जीते 
 पर मेरे मन को समझ न पाए।
 मेरी मर्यादा तुम बचा न पाए।

मैं नहीं बनती पांवो की बेड़ी 
मैं नहीं होती राहों के रोड़े। 
मैं भी बुझाती ज्ञान पिपासा 
मैं भी साथ तेरे चल देती।

क्या तेरा कोई कर्तव्य् नहीं था
छोड़ पत्नी को तुम चल चूका था।
ये कैसा तेरा जीवन मोक्ष
दे गए मुझे जीवन भर का क्षोभ।

माफ़ तुझे न कर पाऊंगी 
ये कलंक इतिहास लिखेगा। 
तेरे नाम के साथ ही हमेशा 
मेरा भी अब नाम जुड़ेगा।


         रंजना वर्मा 
         आशियाना नगर, पटना       

Saturday, 26 August 2023

 हमारा चांद .....🙏🙏🇮🇳🇮🇳

चंद्रयान उतरा है चांद पर!!
भारत का झंडा लहराया है चांद पर!!
भारत ने रच दिया इतिहास
हिन्दुस्तान पहुँचा चाँद पर!!
जग में मिला है सम्मान
मिलन का अदभूत नजारा था
वो दृश्य सपनों सजीला था.... 
जब चांद के दीदार का इन्तजार 
हर भारतवासी को था!! 
बड़े दिनों से ख्वाइश थी
आज उसी की बारी थी
हर सांस सांस भारी थी
चांद तुमसे मिलने की हर तैयारी थी...
तुमसे मुलाकात खास हो जब 
आमने सामने बात हो!!
सपने में रोज आते हो
दिल में उतर जाते हो....
चंद्रयान लेकर आया है तेरे लिए 
भारतवासी का सौगात....
हम सबके हर दुआओं में शामिल तुम रहते हो
तेरे दीदार हो ऐसी चाहत हम रखते हैं
हर बच्चों के तुम मामा बने रहते हो
हर बहनों ने भेजा है तुमको सौगात 
भैया को संदेशा पहुँचाने का भेजी है धन्यवाद.... 
तुमको हर पूजा में मन से चाहा है बार बार!!
चांद सा महबुब हो 
दिल से ऐसा मांगा है हर बार!!
आज सबने मांगी है तेरे लिए दुआएं
तेरी ख्याति रहे दुनियां में 
तुम अजय रहो अमर रहो
चांदनी संग मुस्कुराओ तुम 
हर पूर्णमासी में चांदनी बिखराओ तुम!!
तुम अनन्त काल तक धरा का करना फेरा 
तेरी ज्योत बढे़ तेरी कृति बढे़
पर तुम्हें किसी की नजर न लगे....!!

Ranjana verma
Patna

Monday, 9 January 2023

विषय- आज के युवा

युवा वर्ग किसी भी देश के सबसे महत्वपूर्ण आधार स्तम्भ होते है। ये देश के एक संगठनात्मक ढाँचा है। इनके कंधे पर देश का विकाश और भविष्य की जिम्मेदारी होती है। 

आज के युवा के सोच बहुत ही स्पष्ट है।वो आशावादी  हैं।  उनका ज़िन्दगी को देखने का दृष्टिकोण बहुत उच्चतर हुआ है। किसी भी देश के यु़वा -वर्ग की संख्या और उनके ओज और सोच से उस देश की प्रगति और उन्नति  प्रभावित होता है।

 आज के युवा अपनी मेहनत सेअपनी मुकाम हासिल कर रहे हैं। विगत कुछ वर्षो से उनकी दृष्टिकोण व्यापक रुप से दृष्टिगोचर हो रही है, चाहे वो क्षेत्र उनका प्राईवेट कम्पनी  का नौकरी हो, सरकारी नौकरी  हो या रक्षा क्षेत्र या किसी भी क्षेत्र में  वो पूरी दमखम से अपनी निष्ठा और ईमानदारी से अपना कर्तव्य और संकल्प निभाते अपनी भागदारी दिखाते है। 

आज के युवा बहुत ही खुले बिचारों और अपनी बात स्पस्ट रुप से रखने में कतराते नहीं  हैं। किसी भी देश का भविष्य युवा वर्ग पर निर्भर करता है । देश में  युवा की संख्या कितनी है उसकी सोच कैसी है उनका किसी भी चीज को देखने का विजन कैसा है क्योंकि आगे चलकर उनके ही कन्धों पर देश का वर्तमान और भविष्य की बागडोर होनी है। 

आज के युवा इस डिजिटल संसार में  इन्टरनेट की दुनिया  में अपने दमखम से अपनी तकदीर को निखार रहे हैं।युवा जानते हैं  कि किसी भी काम के प्रति उनकी मेहनत ईमानदारी और सत्य निष्ठा से किया गया काम ही उन्हें सफलताओं की बुलन्दियों पर ले जायेगा। आज के युवा समझ गए  हैं कि सौर्ट -कट जैसे चीजे उन्हें वो नहीं  दिला सकती है जो वो पूरी मेहनत से सही दिशा और दशा में  उचित समय देकर पा सकते हैं। 

आज के युवा अपने सपनो को पूरा करने के साथ अपने देश अपने परिवार अपने संस्कार को बखूबी समझ कर हर कदम उठाते हैं। अपने फैसले लेने में  आज के युवा काफी सक्षम हैं। आज के युवा वर्ग  का कहने सुनने की शक्ति पहले से बेहतर है। अपनी बुनियादी बात रखने और किसी के नये विजन को सूनने समझने में वो पीछे नहीं  हैं। युवा वर्ग को आज सफलता असफलता डराती नहीं है। क्योंकि वो जानते हैं  कि उनके चारों और अपार संमभवनाओं का अवसर  है। अपनी स्कील के दमखम पर आज के युवा हर क्षेत्र में अपनी भागीदारी दिखा रहे हैं।

 कुछ युवा वर्ग जो राह से भटक गए हैं। जरूरत है उन्हें धैर्य के साथ सही मार्गदर्शक की जो उन्हें उच्चतर ज्ञान देकर प्रशस्ति के मार्ग पर प्रशस्थ कर सके।  

युवा वर्ग  की सोच संकल्प सहनशक्ति पर देश की प्रगति और भविष्य निर्भर करता है। हम खुश हैं कि हमारे युवा अपने प्रगति के साथ साथ देश के लिए निःसंकोच कुछ करने को तैयार हैं। 

रंजना वर्मा
आशियाना नगर 
पटना








Monday, 7 February 2022

    

     वीणा की तान

  

     मां की वीणा की तान से 
     गुंजित होता सकल संसार 
     लय छंद ताल गीत संगीत 
     मां के भक्ति के प्रकार !!

       जलद स्वर मंत्र तेरा 
      सृष्टि के कण कण में विचरित हो   
      तेरी चेतना से हर शख्स 
      ज्ञान से पुष्पित और पल्वित हो !!

       तेरी करुणा के कोख से 
       जन्म ज्ञान ने पाया
       अक्षर अक्षर हासिल कर तब 
       ही भुवन विजित कर पाया !!

       मां तिमिर का नाश कर दे 
       तेज प्रकाश का निजधाम दे 
       अंदर  के गहन अंधकार को 
        नष्ट कर सकल प्रकाश दे !!

         तेरे ज्ञान का बरकत अचंभित 
         दिशा दिगंत करता गुंजित 
         तेरे शरण में आकर सबका 
         उर हो जाता आलोकित !!
 
         तेरी ज्योति का लौ निराली 
         और ललित कला की खोज   
         मिटा देता गहन तम को 
         खोल देता ज्ञान चक्षु !!

         विश्वमानवता के कल्याण लालसा 
         तेरे द्वारा ही पूरित हो 
         जग के कण कण में जब 
  .       ज्ञान का प्रकाश अनुरंजित हो !!

                                        रंजना  वर्मा 
                                        आशियाना नगर 
                                          पटना 







       

Thursday, 2 September 2021







      दीपशिखा 

  मैं दीपशिखा सी जलती रहूं
  हे देव !! तेरे चरणों  में 

  मेरे मन मंदिर के 
  एक श्याम तुम्हीं हो 
  तुम करुणा के सागर 
  मेरे घनश्याम तुम्ही हो 
  हे देव !! तेरे चरणों में 

 ना राधा सा प्यार मांगू 
 ना मीरा सा इकरार 
 बस मेरी पूजा हो स्वीकार 
 हे देव!! तेरे चरणों में 

 आंखे है दीया मेरी
 आंसुओं का है तेल
  जल जल गिरते हैं 
  मेरे मन पीड़ा के मैल
  हे देव !! तेरे चरणों में

  नयनों के नीर से 
  चरण तेरे पखारते 
  ह्रदय के अंतस से  
  सिर्फ तुम्हे पुकारते 
  मेरी प्रार्थना हो स्वीकार 
   हे देव !! तेरे चरणों में 

    साथ तेरा ना मिला होता 
    तो तिनके सा बह जाती 
    तेरे दर पे शीश झुकाकर 
    चन्दन बन गई मैं 
     हे देव !!तेरे चरणों  में 


                                       रंजना  वर्मा