आओ होली में
हमसब रंगों में रंग जाए
रहें न कोई भिन्नता हममें
सतरंगी रंगों में हम सब
एक रंग के हो जाएँ.........
तन को अपने रंगों में भीग जाने दें
मन का मैल रंगों में बह जाने दें
अपने को और परिष्कृत हो जाने दें
होली का लाल रंग चुनरी
में आज लग जाने दें
अपने प्रेम को और भी
प्रगाढ़ हो जाने दें ........
रंग गुलाल अबीर उड़कर
आसमां में छा जाते हैं
हम भी क्यों नहीं अपनी
ईर्ष्या द्वैष वैमनस्य भुलाकर
थोड़ा उपर उठ जाते हैं ........
होलिका दहन में अपनी
नफरत ईर्ष्या गलतियों को
पवित्र समिधा में जला दें
प्रेम प्यार से सिंचित दीया
इस दुनिया में फैला दें.......... (आप सब को होली की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं )
Ranjana Verma