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Sunday, 9 March 2014

     
                                                                 





     मुझको मिल सके पहचान कोई
      जीने का नया आयाम कोई
       मेरे आस्तिव का हो नाम कोई
        जीना हो मेरे लिए आसान कहीं
         पथरीली डगर पे दे साथ कोई
          हमसफ़र बन कर चले साथ मेरे
           होठों पर मीठी मुस्कान मिले
           दिल में मेरे भी अरमान खिले
           तार तार न हो कहीं जात  मेरी
           दिल पर न हो असंख्य  वार कई
           बंधनों में न जकड़े जंजीर कहीं
            पावों में न बांधे कोई घुँघुरू कभी
            छूना है मुझे यहाँ ऊंचाई कई
            फलकों पे लिखना है इतिहास नई


                                                                            Ranjana  Verma


    

20 comments:

  1. फलकों पे लिखना है इतिहास नई..
    waah... behad khubsurat ...

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  2. बहुत सुंदर.
    शुभकामनाएँ !

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  3. बहुत सुंदर.
    शुभकामनाएँ !

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  4. उत्कृष्ट ....मन को ऊर्जा देते भाव.....

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  5. पलकों पे लिखने हैं इतिहास कई
    ...........।

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  6. आज तो बस आमीन कहने को जी चाहता है!!

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  7. बेहद सुंदर भाव...नारी मन की भावनाओं को बखूबी शब्दों मे उतार दिया है आपने... सबको मान, सम्मान व पहचान मिले तभी साबित होगी इस दिन की सार्थकता...अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की शुभकामनाएँ …

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  8. ***आपने लिखा***मैंने पढ़ा***इसे सभी पढ़ें***इस लिये आप की ये रचना दिनांक10/03/2014 यानी आने वाले इस सौमवार को को नयी पुरानी हलचल पर कुछ पंखतियों के साथ लिंक की जा रही है...आप भी आना औरों को भी बतलाना हलचल में सभी का स्वागत है।


    एक मंच[mailing list] के बारे में---


    एक मंच हिंदी भाषी तथा हिंदी से प्यार करने वाले सभी लोगों की ज़रूरतों पूरा करने के लिये हिंदी भाषा , साहित्य, चर्चा तथा काव्य आदी को समर्पित एक संयुक्त मंच है
    इस मंच का आरंभ निश्चित रूप से व्यवस्थित और ईमानदारी पूर्वक किया गया है
    उद्देश्य:
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    हिंदी व देवनागरी के क्षेत्र में होने वाली खोज, अनुसन्धान इत्यादि के बारे मेंहिंदी प्रेमियों को अवगत करना.
    हिंदी साहितिक सामग्री का आदान प्रदान करना।
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    Replies
    1. बहुत बहुत आभार .....

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  9. आमीन ... आशा का भाव और सकारात्मकता लिए भावपूर्ण शब्द ...
    ऊंचा आकाश सभी को मिलना चाहिए अपना अपना इतिहास बनाने के लिए ....

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  10. स्त्रियाँ एक हो
    चुटकी में चूर हो
    गिरि हांथ हो ।
    सबकी होती है यही इच्छा ..... हो मनोकामना पूरी
    हार्दिक शुभकामनायें

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  11. बहुत सुंदर और समयानुकूल रचना ....

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  12. बहुत बढ़िया लिखा है.

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  13. बहुत सुन्दर कामना

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  14. सुंदर और सशक्त रचना

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  15. छूना है मुझे यहाँ ऊंचाई कई
    फलकों पे लिखना है इतिहास नई
    ....बहुत सुन्दर आकांक्षा...

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  16. आशाएं सम्पूर्ण हों , मंगलकामनाएं आपको !

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  17. बेहतरीन .... लाजवाब

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  18. उम्दा प्रयास .. शुभकामनायें!

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