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Saturday 23 December 2023




 जब चंचल मन को शोधित करते 
तो खुलता है साधना का प्रथम द्वार।।

ब्रह्ममुहुर्त में उठकर नित्य करें
अपने ईष्ट देव को याद।।

खुद से खुद का करें मुलाकात
और करें ध्यान ऊं निराकार।।

श्रद्धा और विश्वास दोनों 
ये है भक्ति के आधार।।

नित्य कर्म पर चलकर 
करें परमात्मा का ध्यान।। 

ह्रदय के अंतस में बहते रहे 
हरदम करुणा की धार।।

सत्य कर्म के राह पर हो 
हमारा हर एक काम।।

अनुशासित जीवन रहे 
मिले गुरुजनों का आशीर्वाद।।

बसुदधैव कुटुंबकम् की भावना से
 करते रहे हर जन से प्यार।।

हरि को भजते रहें 
मन में रखकर शुद्ध विचार।।


Ranjana Verma


8 comments:

  1. Replies
    1. जी बहुत बहुत धन्यवाद और आभार!! 🙏🙏

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  2. Replies
    1. जी बहुत बहत धन्यवाद और आभार🙏🙏

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  3. बहुत सुंदर रचना। जय श्री हरि 🙏

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    1. जी बहुत बहुत धन्यवाद और आभार🙏🙏

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  4. सुंदर रचना

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    1. जी बहुत बहत धन्यवाद और आभार 🙏🙏

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