करती हूँ तुमसे मैं
बेपनाह मुहब्बत ...............!!
तेरे बिना जीना
मुझे मंजूर नहीं
प्यार के बिना नहीं जीना मुझे ......... !!
प्यार के बिना जीना कोई जीना है
कह दी खुदा से--
खुदा को जिस दिन गवारा नहींमेरा और मेरे प्यार का साथ
तो उस दिन.……
अलविदा मेरी जिन्दगी .................!!
ओ दफ़न करने वाले .................
मुझे उसके पास पहुंचा देना
जिसकी तस्वीर मेरी निगाहों में होगी ................!!
Ranjana Verma
आपकी यह उत्कृष्ट रचना ‘ब्लॉग प्रसारण’ http://blogprasaran.blogspot.in पर कल दिनांक 6 अक्तूबर को लिंक की जा रही है .. कृपया पधारें ...
ReplyDeleteसाभार सूचनार्थ
बहुत बहुत आभार !!
Deleteबहुत सुन्दर
ReplyDeleteप्रेम में गहराई तक होने का अहसास कराती पंक्तियां।
ReplyDeleteबहुत सुंदर रचना |
ReplyDeleteप्रेम ..पर बहुत खूबसूरत अभिव्यक्ति
बहुत ही बढ़िया
ReplyDeleteसादर
बहुत खूबसूरत रचना ..
ReplyDeleteवाह ! बहुत सुंदर रचना !
ReplyDeleteनवरात्रि की बहुत बहुत शुभकामनायें-
RECENT POST : पाँच दोहे,
लाजवाब अभिव्यक्ति !
ReplyDeletelatest post: कुछ एह्सासें !
बहुत ही सुंदर एहसास.
ReplyDeleteरामराम.
आदरणीया रजनी जी बहुत सुन्दर ..कोमल ..प्रेम और चाहत हो तो ऐसे ही
ReplyDeleteभ्रमर ५
प्यार के बिना जीना कोई जीना है.......
ReplyDeleteबिलकुल सच कहा है.
.बेहतरीन अंदाज़..... सुन्दर
ReplyDeleteअभिव्यक्ति......
सुन्दर प्रस्तुति आभार नवरात्रि की शुभकामनायें-
ReplyDeleteकभी यहाँ भी पधारें।
सादर मदन
http://saxenamadanmohan1969.blogspot.in/
http://saxenamadanmohan.blogspot.in/
गहरे प्रेम की चाहत ऐसी हो होती है ... जीना मारना सभी उसी के साथ होता है ...
ReplyDeleteप्रेमरस में डूबी पंक्तियाँ |
ReplyDeleteप्रेममयी सुन्दर रचना..
ReplyDeleteBahut Sunder..
ReplyDeleteप्यार से भरी प्यारी प्रस्तुति ..
ReplyDeleteनवरात्र की शुभकामनायें
ईश्वरीय प्रेम को शब्द देती सुंदर रचना ।
ReplyDeleteवाह बहुत सुंदर रचना
ReplyDeleteउत्कृष्ट प्रस्तुति
सादर
आग्रह है
पीड़ाओं का आग्रह---
इस पोस्ट की चर्चा आज सोमवार, दिनांक : 21/10/2013 को "हिंदी ब्लॉगर्स चौपाल {चर्चामंच}" चर्चा अंक -31पर.
ReplyDeleteआप भी पधारें, सादर ....नीरज पाल।
आदरणीया रंजना जी,
ReplyDeleteप्रेमरस में डुबी सुन्दर रचना के लिए आपको अनेकों बधाई ।
वाह , सुंदर रचना !!
ReplyDeleteबहुत सुन्दर...
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