हमने देखा था एक सपना
आजाद भारत हो जब अपना
चारों और फैले आजादी का उत्सव
देश का हर कोना हो महोत्सव
खुशहाली की सीढियाँ चढ़ें हम
गरीबी न फटके पास हमारी
धन्य -धान से भरपूर हो भारत
आजादी का जश्न मनायें हम
प्रगति की सीडियां चडते जायें
उन्नति हमारी हो चारों दिशायें
कोई न अशिक्षित रहे यहाँ पर
ज्ञान विज्ञान सभी का हो विकास
भरा रहें अनाजों से खलियान हमारा
विद्या धन धान्य से भरा भारत मेरा
बापू ने देखा था एक सपना
रामराज जैसा हो देश अपना
आजादी की किरणे तो निकली लेकिन
अटक गयी बड़े- बड़े अट्टालिकाओं में
हर तबके तक आजादी नहीं पहुँची
आधी आजादी हुई हमारी
जब तक इस सरजमीं पर
अंतिम आदमी तक को नहीं मिलता
रोटी कपडा और मकान
तब तक हमारी स्वतंत्रता
झूठी है बईमानी है
चलो आज हम सब देशवासी
देश के प्रति अपने फ़र्ज़ को करे पूरा
अपने कर्तव्य का करे ईमानदार कोशिश
सबको मिले जीने का बराबर सम्मान
पूरा करे हम आजाद भारत का सपना
Ranjana Verma
सपना सपना ही होता है ..........पर सोच बहुत खूबसूरत है
ReplyDeleteआजादी की किरणें देखा जाए तो ऊंची-ऊंची अट्टालिकाओं से उलझ कर ही रह गईं।
ReplyDeleteन जाने ये सपना कब पूरा होगा ...!
ReplyDeleteRECENT POST -: आप इतना यहाँ पर न इतराइये.
aajadi to mili lekin sapne adhure hi rahe.............
ReplyDeleteजाने ये सपना कब पूरा होगा ...!
ReplyDeleteकाश जीते जी कभी एक ऐसा दिन देखने को मिल जाए. अति सुन्दर सपना.
ReplyDeleteलगता है ये सपना एक सपना ही बना रहेगा । गहन और सुन्दर |
ReplyDeleteहर नागरिक का यही सपना था और सपना था शायद इसीलिए टूट गया!! आपकी आशाओं के इस दीपक की ज्योत बनी रहे यही शुभकामना है!!
ReplyDeleteकाश आज़ादी का फ़ायदा सभी तक पहुँच पाता..अभी तक तो यह केवल यह स्वप्न बन कर ही रह गया है, इंतजार है कि क्या यह सपना पूरा हो पायेगा...
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार.. !!
ReplyDeleteaamin .....shighra poore ho aapke sapne ...shubhkamnaayen .....
ReplyDeleteवो दिन भी आएगा ....बहुत सुन्दर....
ReplyDeleteसुंदर अभिव्यक्ति...वो दिन भी आएगा .
ReplyDeleteप्रभावशाली
ReplyDeleteबहुत सुंदर---!!!!!
सुन्दर रचना. गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ!
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति। ६५वें गणतंत्र दिवस कि हार्दिक शुभकामनायें !
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति ..
ReplyDeleteसुन्दर प्रस्तुति...
ReplyDeleteआपका मैं अपने ब्लॉग ललित वाणी पर हार्दिक स्वागत करता हूँ मैंने भी एक ब्लॉग बनाया है मैं चाहता हूँ आप मेरा ब्लॉग पर एक बार आकर सुझाव अवश्य दें...
सुंदर सपना जरूर होगा अपना..........
ReplyDeleteati sundar
ReplyDeleteआप सब को बहुत बहुत धन्यवाद !!
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ReplyDeleteये स्वप्न तो शहीदों के साथ ही शहीद हो गया।
पर आपने बहुत सुन्दर रचना के माध्यम से उस भूली बिसरी बातों को हरा किया।
बहुत सुन्दर रचना
This comment has been removed by the author.
ReplyDeletejai hind! jai vishwa! jai maanviyta!
ReplyDeleteachhi rachna
shubhkamnayen