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Monday, 20 January 2014

आजाद भारत का सपना ...... !!!

             
 हमने देखा था एक सपना
 आजाद भारत हो जब अपना
 चारों और फैले आजादी का उत्सव
 देश का हर कोना हो महोत्सव
 खुशहाली की सीढियाँ चढ़ें हम
 गरीबी न फटके पास  हमारी
 धन्य -धान से भरपूर हो भारत

 आजादी का जश्न मनायें हम
 प्रगति की सीडियां चडते जायें
 उन्नति हमारी हो चारों दिशायें
 कोई न अशिक्षित रहे यहाँ पर
 ज्ञान विज्ञान सभी का हो विकास
 भरा रहें अनाजों से खलियान हमारा
 विद्या धन धान्य से भरा भारत मेरा

 बापू ने देखा था एक सपना
 रामराज जैसा हो देश अपना
 आजादी की किरणे तो निकली लेकिन
 अटक गयी बड़े- बड़े अट्टालिकाओं में  
 हर तबके तक आजादी नहीं पहुँची

 आधी आजादी हुई  हमारी
 जब तक इस  सरजमीं पर
 अंतिम आदमी तक को नहीं मिलता
 रोटी कपडा और मकान
 तब  तक हमारी स्वतंत्रता
 झूठी है बईमानी  है

 चलो आज हम सब देशवासी
 देश के प्रति अपने फ़र्ज़ को करे पूरा 
 अपने कर्तव्य का करे ईमानदार कोशिश 
 सबको मिले जीने का बराबर सम्मान
 पूरा करे हम आजाद भारत का सपना

                                                          Ranjana Verma 
      



24 comments:

  1. सपना सपना ही होता है ..........पर सोच बहुत खूबसूरत है

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  2. आजादी की किरणें देखा जाए तो ऊंची-ऊंची अट्टालिकाओं से उलझ कर ही रह गईं।

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  3. aajadi to mili lekin sapne adhure hi rahe.............

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  4. जाने ये सपना कब पूरा होगा ...!

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  5. काश जीते जी कभी एक ऐसा दिन देखने को मिल जाए. अति सुन्दर सपना.

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  6. लगता है ये सपना एक सपना ही बना रहेगा । गहन और सुन्दर |

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  7. हर नागरिक का यही सपना था और सपना था शायद इसीलिए टूट गया!! आपकी आशाओं के इस दीपक की ज्योत बनी रहे यही शुभकामना है!!

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  8. काश आज़ादी का फ़ायदा सभी तक पहुँच पाता..अभी तक तो यह केवल यह स्वप्न बन कर ही रह गया है, इंतजार है कि क्या यह सपना पूरा हो पायेगा...

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  9. बहुत बहुत आभार.. !!

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  10. aamin .....shighra poore ho aapke sapne ...shubhkamnaayen .....

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  11. वो दिन भी आएगा ....बहुत सुन्दर....

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  12. सुंदर अभिव्यक्ति...वो दिन भी आएगा .

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  13. प्रभावशाली
    बहुत सुंदर---!!!!!

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  14. सुन्दर रचना. गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ!

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  15. बहुत सुन्दर प्रस्तुति। ६५वें गणतंत्र दिवस कि हार्दिक शुभकामनायें !

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  16. बहुत सुन्दर प्रस्तुति ..

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  17. सुंदर सपना जरूर होगा अपना..........

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  18. आप सब को बहुत बहुत धन्यवाद !!

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  19. ये स्वप्न तो शहीदों के साथ ही शहीद हो गया।
    पर आपने बहुत सुन्दर रचना के माध्यम से उस भूली बिसरी बातों को हरा किया।
    बहुत सुन्दर रचना

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  20. This comment has been removed by the author.

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  21. jai hind! jai vishwa! jai maanviyta!

    achhi rachna

    shubhkamnayen

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