वसंत
वसंत एक गीत है
कह रहा वसंत आज
मन के हर गांठ खोल दे
प्रिये को आज बोल दे
दूर कहीं पपहिरे की पुकार
पास कहीं कोयल की मीठी गान
भौरों के गुंजन से
खिल उठा चमन चमन
महक रहा है जमीं गगन
पीले पीले सरसों के फूल से
ओढ़ के वासंती चुनरी से
जमीं दुल्हन सी सजी है आज
गुलमोहर के मोहक फूल
दे रहे हैं वसंत आने का संदेश
बसंत ने फिजा में नई
प्रेरणा के प्राण फुके हैं
नई-नई कोमल कोंपले
पौधों में उग आई है
नीले गगन में उड़ते पक्षी
वसंत के मद में झूम रहे ये पंछी
रंग बिरंगी तितलियाँ
उन्मुक्त हो उड़ रही है आज
होली की स्वागत में
चारो ओर उल्लास छाया है
वसंत बन गीत आज होठों पे आया है .
Ranjana Verma
27 .02. 20 13
अद्भुत,, शुभकामनाएं
ReplyDeletethanx, bahut bahut thanx mere blog me aane ke liye.
ReplyDeleteनव जीवन नव सृजन का उल्लास .....सुंदर रचना
ReplyDeletemany many thanx to you.
Deleteउन्मुक्त हो उड़ रही है आज
ReplyDeleteहोली की स्वागत में
चारो ओर उल्लास छाया है
वसंत गीत बन आज होठों पे आया है .bahut sunder
bahut bahut dhanyavaad
Deleteवसंत के रंगों में रंगी रचना ... नई कोंपलें नव जीवन का सृजन हैं ...
ReplyDeleteसुन्दर रचना ...
bahut bahut shukriya.
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