उस जज्बे को मेरा सलाम !
सलाम उस जज्बे को
प्रणाम उस जज्बे को
जिसने जगाया हमारी आत्मा को
जिसने झकझोर दिया पूरे आवाम को
आखिर कब तक होते देखते
अपनी अस्मत को बेनकाब
आखिर कब तक सहते
अपनी माँ बहनों बेटी पर अत्याचारों को
किसी को कोई अधिकार नहीं है
हमारे जीवन से करे खिलवाड़ वो
हमारे जीवन को करे तार -तार वो
देश मौन खड़ा है
सरकार लकवाग्रस्त है
ये खींच कहाँ से आयी है
ये विद्रोह की लहर क्यों उठी
इतिहास गवाह है
हर दमन के बाद भड़कती है विद्रोह
जब सहनशीलता जवाब दे दे तो
जन्म होता है नई क्रांति का
आविर्भाव होता है क्रांतिवीरों का
ये सिर्फ क्रांति नहीं है
क्रांति का आगाज मात्र है
ख़त्म करने दुश्मनों का राज है
नौजवानों ने इस देश के कर्णधारों ने
बिगुल बजाया नयी क्रांति का
शंखनाद किया एक नई व्यवस्था का
व्यवस्था को बदलना ही होगा
इस युग के क्रांतिवीरों ने
लिखी इक नई इबारत
उसने की नई पहल
उसने रचा एक नया हिन्दुस्तान
इतिहास गवाह है
जब-जब होता है इस धरती पर गुनाह
तो प्रदुर्भाव होता है युगपुरुष का
कौरवों का तांडव मिटाने
आये थे श्री कृष्ण
कंस का अत्याचार मिटाने
आये थे श्री कृष्ण
रावण को मारने
आये थे श्री राम
इस नया हिन्दुस्तान के
राम कृष्ण जैसे नौजवान क्रांतिवीरों को
हम माँ बहनों का सलाम !
उस जज्बे को सत-सत प्रणाम !
Ranjana Verma
गहरी , सटीक अभिव्यक्ति
ReplyDeleteपरवर्तन की राह तो खोजनी ही होगी.....
dhanyavaad.
Deleteनमन!!
ReplyDeletedhanyavaad
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