खुदा न करे किसी रिश्ते में
इतनी खटास आ जाए की
एक बूंद आँसू वो उनकी
मौत पर न बहाए
खुदा किसी को किसी से
इतनी मुहब्बत न देना
जिस दिन घृणा करे
संसार में नया इतिहास रच जाए
सभी ने देखी थी क्या रिश्ते थे उनके बीच
एक दूसरे के जान में जान बसते थे उनके
एक दूसरे पर जान लुटाते थे वो
एक दूसरे के बड़े हिमायती थे वो
जैसे एक ही रोटी के दो टुकड़े थे वो
एक ही माँ के कलेजे के दो टुकड़े थे वो
दोनों के बीच रेशम के धागे का पवित्र रिश्ता था
एक दूसरे की सलामती की दुआ रोज मांगते थे वो
एक दूसरे से नफरत ऐसी हुई की
बात सारे ज़माने को मालूम हुई
जो एक दूसरे के हिफाजत के लिए क्या नहीं करते थे वो
एक दूसरे के लिए ज़माने से लड़ भी जाते थे वो
अब नफरत ऐसी हुई की
अंतिम विदाई में भी न शामिल हुई वो
रंजना वर्मा
इतनी खटास आ जाए की
एक बूंद आँसू वो उनकी
मौत पर न बहाए
खुदा किसी को किसी से
इतनी मुहब्बत न देना
जिस दिन घृणा करे
संसार में नया इतिहास रच जाए
सभी ने देखी थी क्या रिश्ते थे उनके बीच
एक दूसरे के जान में जान बसते थे उनके
एक दूसरे पर जान लुटाते थे वो
एक दूसरे के बड़े हिमायती थे वो
जैसे एक ही रोटी के दो टुकड़े थे वो
एक ही माँ के कलेजे के दो टुकड़े थे वो
दोनों के बीच रेशम के धागे का पवित्र रिश्ता था
एक दूसरे की सलामती की दुआ रोज मांगते थे वो
एक दूसरे से नफरत ऐसी हुई की
बात सारे ज़माने को मालूम हुई
जो एक दूसरे के हिफाजत के लिए क्या नहीं करते थे वो
एक दूसरे के लिए ज़माने से लड़ भी जाते थे वो
अब नफरत ऐसी हुई की
अंतिम विदाई में भी न शामिल हुई वो
रंजना वर्मा
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