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Saturday, 23 November 2013

हम एक नयी दुनियाँ बसायेंगे .........!!!


हम एक नयी दुनियाँ बसायेंगे 
हम एक नयी आसमां बनायेंगे
जहां प्रेम के बीज बोयेंगे  
जहां प्यार की बारिश होगी 
जहाँ न होगी कोई चिरहरण 
न होगी पट्टी बंधी कोई गंधारी ……!!

इस प्यार भरी दुनियां में 
सपनों के फूल खिलेंगे 
रिश्तों की खुशबू बिखरेगी 
हर सीता बेटी महफूज यहां रहेगी
कोई दामिनी अब नहीं मरेगी 
सब मिलजुल कर अब रहेंगे 
नयी इतिहास हम फिर रचेंगे …!!

न कोई चक्रव्यूह रचेगा 
न कोई अभिमन्यू कभी मरेगा 
न अर्जुन अपनों से युद्ध करेगा 
न कोई कर्ण भाई के हाथों मरेगा 
हार जीत कि इस पावन भूमि में 
न विधवंस का पताका लहरायेगा……!! 

इतिहास कि नयी इबारत 
हम मिल कर फिर लिखेंगे 
इस प्यार भरी प्यारी दुनियां में 
हर ओर प्यार बिखरेगा
हर दिन होली और
हर दिन दीवाली होगी   ……!!

                                                                 Ranjana Verma 

22 comments:

  1. pata nahi us jaha me bhi mahilayen surakshit rah payengi..................sundar rachna .

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  2. यदि सब मिल के ये बीड़ा उठायें तो संभव है ये सब होना ... दिल में आस जरूरी है ...
    भावमय रचना ...

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  3. बहुत ही सुंदर भाव ......

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  4. बहुत ही सुन्दर प्यारभरी दुनिया...
    दुआ है ऐसा ही हो...
    बहुत सुन्दर....
    :-)

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  5. बहुत सुन्दर रचना। . काश ऐसे समाज का निर्माण हो पाता। .

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  6. जहाँ न होगी कोई चिरहरण
    न होगी पट्टी बंधी कोई गंधारी

    बहुत सार्थक और मौजूदा हालात के मद्देनजर बहुत ही सार्थक रचना

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  7. इतिहास कि नयी इबादत
    हम मिल कर फिर लिखेंगे ------

    सार्थक सोच की ईमानदार कोशिश
    बहुत सुंदर रचना
    बधाई ------

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  8. काश हर दिन होली दीवाली हो सके!

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  9. सपनों का शहर। ……बहुत सुन्दर |

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  10. excellent expression with great emotions

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  11. बहुत ही बढ़िया


    सादर

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  12. बहुत सुंदर सपना है ...
    काश! ये सपना सच हो...

    ~सादर

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  13. जाने सपने सच होते भी हैं या नहीं

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  14. बहुत सुन्दर स्वप्न..काश यह सच हो जाए...

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  15. बहुत प्यारी सी आस ....अच्छी सोच से हम अपने आस पास की छोटी सी दुनिया तो महका ही सकते हैं ....!!भावप्रबल रचना ...!!

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  16. बहुत सुन्दर..बेहतरीन रचना...

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