भारतवर्ष की पवित्र भूमि
चन्दन टीका जैसा !!
यह देश है मेरा यह देश है मेरा !!
जन्मे जहाँ थे श्री राम और सीता
श्री कृष्ण ने सुनायी अनमोल ज्ञान गीता
गंगा युमना सी पवित्र नदियाँ
मिली सौगात में हो जहाँ
रामायण महाभारत सुखसागर जैसे
अनमोल ग्रन्थ हों हर घर में जहाँ
यह देश है मेरा यह देश है मेरा !!
संस्कार परम्परा की परिभाषा
घर घर में बतायी जाती है जहाँ
अतिथि की सेवा करना
पुण्य माना जाता है जहाँ
माँ बहनों की इज्ज़त को
धरोहर समझा जाता है जहाँ
यह देश है मेरा यह देश है मेरा !!
विवेकानंद ने पूरे विश्व को
धर्म का मतलब समझाया जहाँ
अहिंसा जहाँ का परम धर्म हो
सत्यवादी हो हरिश्चन्द्र जैसा
सुभाष तिलक आजाद भगत
वीर नायक हों पैदा जहाँ
यह देश है मेरा यह देश है मेरा!!
मंदिर मस्जिद गिरजाघरों की
हिफाजत हो जान से ज्यादा जहाँ
मानवता की शिक्षा बचपन से
घुट्टी में पिलायी जाती हो जहाँ
यह देश है मेरा यह देश है मेरा!!
भारतवर्ष की पवित्र भूमि
चन्दन टीका जैसा !!
Ranjana Verma
बहुत सुन्दर प्रस्तुति !
ReplyDeleteनई पोस्ट मन्दिर या विकास ?
नई पोस्ट लोकतंत्र -स्तम्भ
क्यों न गर्व हो ऐसे देश में जन्म लेने पर. सुन्दर रचना.
ReplyDeleteअच्छा अनुभव प्रस्तुत किया। लेकिन अन्तिम अंतरे की पहली पंक्ति कुछ अखरी।
ReplyDeleteसुंदर रचना.
ReplyDeleteआप की ये सुंदर रचना आने वाले सौमवार यानी 18/11/2013 को नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही है... आप भी इस हलचल में सादर आमंत्रित है...
ReplyDeleteसूचनार्थ।
बहुत बहुत शुक्रिया !!
Deleteबहुत सुन्दर अभिव्यक्ति ..
ReplyDeleteइस महान देश की धरोहर को हम ही बचा सकते हैं ... इसपे गर्व है सभी को ...
ReplyDeleteभाव पूर्ण रचना है ...
अच्छी रचना
ReplyDeleteबहुत सुंदर
अति सुन्दर रचना ..........सभी पंक्तियाँ प्रशंसनीय ................
ReplyDeleteवाह बहुत ही शानदार भारत की गाथा |
ReplyDeleteबहुत सुन्दर रचना...
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