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Wednesday, 10 July 2013

लक्ष्य को पाना है ................!!


     लक्ष्य को पाना है मंजिल तक जाना है
     हर कदम को विश्वास के साथ बढ़ाना है 
     लक्ष्य तय तो दूर नहीं मंजिल
     बस फासलों को लांघना है

    कोई कोशिश कभी भी नाकाम नहीं होती
    पर निशाना हो बार-बार लगातार सभी
    अर्जुन सा निशाना लगाओ तुम
    एकलव्य सा प्रयास साधो तुम
    शब्धभेदी बाण से उसे भेद ही डालो तुम

     कोई भी बाण नहीं होगा बेकार
     अगर सही निशाना साधा तुमने 
     मुश्किल नहीं है कुछ भी जग में
     अगर मन से ठाना तुमने
     पत्थर चूर -चूर हो जाते है 
     मानव ने जब चाहा तोड़ना उसे

    मन को बांधो तन को साधो
    लक्ष्य को साँस -साँस में बसाओ तुम
    बस लक्ष्य लक्ष्य बस लक्ष्य लक्ष्य 
    एक ही ध्यान लगाओ तुम
    अब दूर नहीं मंजिल
    अब दूर नहीं जीत
    बस फासलों को हर हाल में मिटाना है
    लक्ष्य को पाना है 
                                                                                  
                                                       
  (यह कविता मेरी बेटी इंजीनियर आकांक्षा और बेटा इंजीनियर अमृतांश को जो  अपने अगले लक्ष्य को पाने        
    के लिए अध्यनरत है उसे मेरी तरफ से और हर युवा को जो लक्ष्य साधने में लगा है  )
                                                                                              Ranjana Verma
                                  


22 comments:

  1. Ranjana ji,

    wakai me bahut khubasurat likha hai aapne.
    duniya me koi bhi karya asambhav nahi hai,bas aap apne lakshya pe adig rahe.meri hardik shubh kamanaye aapko

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  2. बहुत सुन्दर और प्रेरक प्रस्तुति...

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  3. प्रेरणाप्रद पंक्तियां, सुन्‍दर।

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  4. मन को बांधो तन को साधो
    लक्ष्य को साँस -साँस में बसाओ तुम
    बस लक्ष्य लक्ष्य बस लक्ष्य लक्ष्य
    एक ही ध्यान लगाओ तुम
    अब दूर नहीं मंजिल
    अब दूर नहीं जीत
    ak urjavan rachana ......bahut hi sundar ....aabhar ranjana ji

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  5. वाह !!! बहुत उम्दा,प्रेरक प्रस्तुति,,,बधाई रंजना जी,

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  6. बहुत सुंदर रचना, क्या बात है..



    कांग्रेस के एक मुख्यमंत्री असली चेहरा : पढिए रोजनामचा
    http://dailyreportsonline.blogspot.in/2013/07/like.html#comment-form

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  7. लक्ष्य निर्धारित हो तो , बस फिर कोशिश जारी रखनी चाहिए मंजिल मिल ही जाएगी, बहुत प्रेरक पंक्तिया

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  8. बहुत सुंदर और सार्थक अभिव्यक्ति
    God Bless them ........

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  9. हौसला यूँ ही बरकरार रहे.

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  10. वाह ! बहुत खूबसूरत अभिव्यक्ति , लाजवाब

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  11. सच कहा है कोशिश नकाम नहीं होती ... कुछ न कुछ सिखा जाती है ...
    रास्ता आसां कर जाती है ..
    मेरी शुभकामनायें हैं दोनों को ...

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  12. लक्ष्य को पाना है मंजिल तक जाना है
    हर कदम को विश्वास के साथ बढ़ाना है
    लक्ष्य तय तो दूर नहीं मंजिल
    बस फासलों को लांघना है.....वाह बहुत प्रेरणादायक प्रस्तुति .बधाई रंजना जी,.

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  13. प्रत्येक कार्य आसां है ,
    यदि मन में ठाना है ,
    बस चाहिए सतत धैर्य ,
    और ढ़ेर सा समय !

    सुन्दर पंक्तियों से लक्ष्य पूर्ण हुआ है , बधाई !

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  14. लक्ष्य को पाना है मंजिल तक जाना है
    हर कदम को विश्वास के साथ बढ़ाना है
    प्रेरणात्‍मक पंक्तियां ...

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  15. बहुत सुन्दर और प्रेरक प्रस्तुति शुभकामनायें *****

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  16. कल 14/07/2013 को आपकी पोस्ट का लिंक होगा http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
    धन्यवाद!

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    1. बहुत बहुत धन्यवाद .....

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  17. .... प्रेरक प्रस्तुति शुभकामनायें *****
    शब्दों की मुस्कुराहट पर ….शेर खान को शत शत नमन :)

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  18. बहुत सुंदर अभिव्यक्ति .......

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  19. आपकी यह रचना वास्तव में बहुत प्रेरक और नव-उत्साह भरने वाली हैं |मैं अभी मेडिकल कालेज से ग्रेजुएट होकर निकला हूँ ....और ऐसे में इस रचना कों पढ़कर लगता हैं की किसी गुरु की कक्षा में हैं ,और वह हमे प्रेरित कर रहा हैं |
    “प्रेम ...प्रेम ...प्रेम बस प्रेम रह जाता हैं|”

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    1. आपको मेरी कविता ने प्रेरित किया तो समझिये मेरा कविता सार्थक हुआ मैं हर युवा को साध्य कर ही लिखी था.... धन्यवाद !!

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