सच की राहों में चलने वाले को मिलती जीत सच्चाई की
ईमानदारी में जो बात है वो बात कहाँ बेईमानी में
दूसरे का हक़ छीनकर तुम
खुद को माफ़ नहीं कर पाओगे
धिक्कार उठेगी आत्मा तेरी
अरमानो के महफ़िल में भी
झूठी शान से बना महल भी धराशायी यहीं हो जाता
बुरे ख्वाब का हर सजा जल्दी भी यही मिल जाता
देश लुटने वाले सौदागर तुम्हें
माफ़ देश न कर पायेगी कभी
देश भक्ति में जो बात है
वो बात कहाँ भ्रष्टाचारी में
दिन के उजाले से लेकर रात के अंधियारे तक
करते रहते सहस्त्र घोटाले और हेराफेरी तुम
नजर अपनो से न मिला पाओगे
रिश्तो को क्या रंग दोगे तुम
देश प्रेमी में जो बात होती है
वो बात कहाँ देश के गद्दारों में
ईमानदारी में जो बात है वो बात कहाँ बेईमानी में
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर और सार्थक प्रस्तुति,आभार.
हार्दिक धन्यवाद !!.
Deleteदेशप्रेम के भावों में दम है।
ReplyDeleteहार्दिक धन्यवाद !!.
Deleteनजर अपनो से न मिला पाओगे
ReplyDeleteरिश्तो को क्या रंग दोगे तुम
देश प्रेमी में जो बात होती है
वो बात कहाँ देश के गद्दारों में
....बहुत सार्थक और प्रभावी रचना...
.बहुत बहुत हार्दिक धन्यवाद !!.
Deleteआपने लिखा....
ReplyDeleteहमने पढ़ा....
और लोग भी पढ़ें;
इसलिए बुधवार 15/05/2013 को http://nayi-purani-halchal.blogspot.in
पर लिंक की जाएगी.
आप भी देख लीजिएगा एक नज़र ....
लिंक में आपका स्वागत है .
धन्यवाद!
मेरी कविता पसंद करने और लिंक करने के लिए आपको हार्दिक धन्यवाद....
Deleteबहुत सुंदर
ReplyDeleteक्या बात
हार्दिक धन्यवाद !!.
Deleteबेहतरीन रचना।
ReplyDeleteअच्छा लगा आपका ब्लॉग।
सादर
हार्दिक धन्यवाद !!.साझा करने के लिए शुक्रिया.
Deleteबेहतरीन सोच लिए चेतावनी और आह्वान भरी रचना ....बधाई
ReplyDeleteअक्षय तृतीया की शुभकामना
हार्दिक धन्यवाद !!अक्षय तृतीय की शुभकामना! .
Deleteईमानदारी जीवन का सच है ----
ReplyDeleteसार्थक सन्देश देती रचना
बधाई
हार्दिक धन्यवाद !!अक्षय तृतीय की शुभकामना! .
DeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteईमानदारी में जो बात है, वो बेहद ही ख़ास है .....
ReplyDeleteबहुत अच्छी रचना. ईमानदारी से हासिल हर चीज बहुत टिकाऊ होती है सचमुच.
ReplyDeleteबहुत सुन्दर भाव रंजना... ईमानदारी से बढ़्कर कोई चीज नहीं...
ReplyDeleteबहुत खूब ...
ReplyDeleteमंगल कामनाएं आपकी कलम को !