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Thursday, 2 May 2013

तेरे प्यार का रंग............ !!

                                              


                मेरे हाथों में सजी !
             तेरे प्यार की मेहंदी !
             मेरे हाथों में लगी !
             तेरे नाम की मेहंदी !
            
            रच गई लाली इन हाथों में !
            बस गया तू इन आखों में !

            तुम तक़दीर बन के उभरे मेरे हाथों में !
            तुमसे कहता है मेहंदी का ये गाढ़ा रंग !
            संग संग बंध गए अब हम तो सनम !
            जनम जनम साथ अब तो चलेंगे हम !
             
            सबसे गहरा मेहंदी का रंग !
            जिसे लिखा मैनें अपने दिल पर सनम !
            तेरे प्यार के रंग में रंग गई मैं 
            अब तो तेरी हो गई मैं !
            अपनी मेहंदी लगी अंजुरी में 
            समेट चली तेरे प्यार का रंग  !!

                                                                                  रंजना वर्मा 

11 comments:

  1. तेरे नाम की मेहंदी...
    very nice

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    1. बहुत बहुत धन्यवाद.....

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  2. संग संग बंध गए अब हम तो सनम !
    जनम जनम साथ अब तो चलेंगे हम !,,,सुंदर प्रस्तुति ,,,


    RECENT POST: मधुशाला,

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    1. बहुत बहुत धन्यवाद....

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  3. प्रिय के रंग हाथों से होकर दिल में उतरने का एहसास कविता से होता है।

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    1. बहुत बहुत धन्यवाद....

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  4. बहुत सुन्दर. कविता का रंग भाया.

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    1. बहुत बहुत धन्यवाद.....

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  5. बहुत ही सुन्दर है तेरे नाम की मेहँदी,आभार.

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    1. बहुत बहुत धन्यवाद .....

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  6. सबसे गहरा मेहंदी का रंग !
    जिसे लिखा मैनें अपने दिल पर सनम !

    बहुत सुंदर , आभार

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