मेरे हाथों में सजी !
तेरे प्यार की मेहंदी !
मेरे हाथों में लगी !
तेरे नाम की मेहंदी !
रच गई लाली इन हाथों में !
बस गया तू इन आखों में !
तुम तक़दीर बन के उभरे मेरे हाथों में !
तुमसे कहता है मेहंदी का ये गाढ़ा रंग !
संग संग बंध गए अब हम तो सनम !
जनम जनम साथ अब तो चलेंगे हम !
सबसे गहरा मेहंदी का रंग !
जिसे लिखा मैनें अपने दिल पर सनम !
तेरे प्यार के रंग में रंग गई मैं
अब तो तेरी हो गई मैं !
अपनी मेहंदी लगी अंजुरी में
समेट चली तेरे प्यार का रंग !!
रंजना वर्मा
तेरे नाम की मेहंदी...
ReplyDeletevery nice
बहुत बहुत धन्यवाद.....
Deleteसंग संग बंध गए अब हम तो सनम !
ReplyDeleteजनम जनम साथ अब तो चलेंगे हम !,,,सुंदर प्रस्तुति ,,,
RECENT POST: मधुशाला,
बहुत बहुत धन्यवाद....
Deleteप्रिय के रंग हाथों से होकर दिल में उतरने का एहसास कविता से होता है।
ReplyDeleteबहुत बहुत धन्यवाद....
Deleteबहुत सुन्दर. कविता का रंग भाया.
ReplyDeleteबहुत बहुत धन्यवाद.....
Deleteबहुत ही सुन्दर है तेरे नाम की मेहँदी,आभार.
ReplyDeleteबहुत बहुत धन्यवाद .....
Deleteसबसे गहरा मेहंदी का रंग !
ReplyDeleteजिसे लिखा मैनें अपने दिल पर सनम !
बहुत सुंदर , आभार