चलो फिर जिन्दगी के कुछ नये गीत गुनगुनाए
चलो फिर जिन्दगी के कुछ नये सपने सवारें
कुछ भूले कुछ बिखरे पलों को फिर से समेटे हम
चलो जिन्दगी के नये आशियाना बनायें हम
साथ चलते चलते बहुत दूर निकल आये हम
अपनी दुनियाँ सजाते सजाते कुछ दूर हुये हम
चलो फिर से दूरियां को नजदीकियां करे हम
चलो उस जगह फिर से नए सपने चुने हम
चलो एक बार फिर नई इबारत लिखे हम
एक दुसरे के हाथ जब थामे थे चाँदनी रात थी
आज की तरह उस रात भी चाँदनी गवाह थी
आज फिर से शपथ लें हम इस चाँदनी रात में
चले थे साथ में चलेगें साथ में सासों के सफ़र तक
बहुत कहा बहुत किया बहुत सुना ज़माने के खातिर
बस अब दिल की नयी दुनिया बसायें हम
कुछ भी कहने कहलाने की जरुरत नहीं
बस नजर भर देखो समझाने की जरुरत नहीं
चलो एक बार फिर कोई अफसाना बनायें हम
हमारा प्यार इस जमीं से आसमां तक छाया है
हमारी प्रेम की अनुभूति क्षितिज के पार फैला है
इस जहाँ में खिलता रहे स्वर्णिम प्यार हमारा
बस एक तेरा साथ रहें सदा साथ हमारा
Ranjana Verma
बहुत सुन्दर और सार्थक रचना आभार
ReplyDeleteहिन्दी तकनीकी क्षेत्र की अचंम्भित करने वाली जानकारियॉ प्राप्त करने के लिये एक बार अवश्य पधारें
टिप्पणी के रूप में मार्गदर्शन प्रदान करने के साथ साथ पर अनुसरण कर अनुग्रहित करें MY BIG GUIDE
शीर्ष पोस्ट
गूगल आर्ट से कीजिये व्हाइट हाउस की सैर
अपनी इन्टरनेट स्पीड को कीजिये 100 गुना गूगल फाइबर से
मोबाइल नम्बर की पूरी जानकारी केवल 1 सेकेण्ड में
ऑनलाइन हिन्दी टाइप सीखें
इन्टरनेट से कमाई कैसे करें
इन्टरनेट की स्पीड 10 गुना तक बढाइये
गूगल के कुछ लाजबाब सीक्रेट
गूगल ग्लास बनायेगा आपको सुपर स्मार्ट
बहुत सुन्दर भावनात्मक अभिव्यक्ति मन को छू गयी आभार . छत्तीसगढ़ नक्सली हमला -एक तीर से कई निशाने
ReplyDeleteसाथ ही जानिए संपत्ति के अधिकार का इतिहास संपत्ति का अधिकार -3महिलाओं के लिए अनोखी शुरुआत आज ही जुड़ेंWOMAN ABOUT MAN
ReplyDeleteबस नजर भर देखो समझाने की जरुरत नहीं
चलो एक बार फिर कोई अफसाना बनायें हम---
वाह प्रेम की कितनी सच्ची बात कही है
बहुत सुंदर
बधाई
उम्मीद जगाती बहुत सुन्दर और सार्थक रचना आभार
ReplyDeleteचले थे साथ में चलेगें साथ में सासों के सफ़र तक.....सुन्दर और प्रेम से भीगा हुआ गीत।
ReplyDeleteरंजना जी आपकी हर रचना दिल को छू जाती है ... बहुत ही बढ़िया ... बधाई !
ReplyDeleteसाथ मिलकर चलते जायेंगे और यही गीत गुनगुनायेंगे .....
ReplyDeleteआज की तरह उस रात भी चाँदनी गवाह थी
ReplyDeleteआज फिर से शपथ लें हम इस चाँदनी रात में,,,
बहुत बेहतरीन सुंदर रचना,,,
RECENT POST : बेटियाँ,
बहुत सुन्दर और सार्थक रचना आभार
ReplyDeleteबेहतरीन
ReplyDeleteसादर
बहुत सुन्दर....इच्छित सफ़र चलता रहे.
ReplyDeleteचलो फिर से दूरियां को नजदीकियां करे हम
ReplyDeleteचलो उस जगह फिर से नए सपने चुने हम
आपकी रचना पर बहुत कुछ कहने की छटपटाहट है
लेकिन
कुछ शब्द उचित नहीं
कुछ शब्द साथ नहीं दे रहे
बहुत ही खूबसूरत अभिव्यक्ति
हार्दिक शुभकामनायें
हमारा प्यार इस जमीं से आसमां तक छाया है
ReplyDeleteहमारी प्रेम की अनुभूति क्षितिज के पार फैला है
इस जहाँ में खिलता रहे स्वर्णिम प्यार हमारा
बस एक तेरा साथ रहें सदा साथ हमारा
वाह . बहुत उम्दा,सुन्दर व् सार्थक प्रस्तुति
कभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |
http://madan-saxena.blogspot.in/
http://mmsaxena.blogspot.in/
http://madanmohansaxena.blogspot.in/
http://mmsaxena69.blogspot.in/
दिल में प्रेम हो तो हर गीत गुनगुनाया जाता है ...
ReplyDeleteये सफर यूं ही चलता रहे ...
बहुत सुंदर भावनात्मक प्रस्तुति..शुभकामनायें
ReplyDeleteचलो फिर से दूरियां को नजदीकियां करे हम
ReplyDeleteचलो उस जगह फिर से नए सपने चुने हम.....aamin rishton ko banaaye rakhne ke liye sarthak sandesh ....
बस अब दिल की नयी दुनिया बसायें हम
ReplyDeleteकुछ भी कहने कहलाने की जरुरत नहीं,
बहुत सुंदर प्रस्तुति..शुभकामनायें
चले थे साथ में चलेगें साथ में सासों के सफ़र तक
ReplyDeleteबहुत कहा बहुत किया बहुत सुना ज़माने के खातिर