अनजान शहर
सपनों का एक घर
मैं और मेरे हबी
बस दो ही थे तभी
पराये लोग पराया जगह
सब अनजान
भाषा भर्षण
सब अलग थलग
क्या बात करूँ
किससे बात करूँ
अपनों को याद कर
हो जाती थी उदास
लोग कहते हैं
कभी -कभी पराया भी
कोई अपना हो जाता है
वो लेडी
मेरे सरकारी क्वार्टर के
दुसरे भाग में रहती थी
वो हर रोज मुझसे मिलती थी
अपनी टूटी -फूटी हिंदी भाषा में
मुझसे बात करती थी
मैं तेलगु नहीं समझ पाती थी
और वो ठीक से हिंदी
नहीं बोल पाती थी
मुझसे उमर में दोगुनी से
थोड़ी सी बड़ी थी
दोनों में खूब बात होने लगी थी
उसने मुझे सारे साउथ इंडियन
खाना सिखायी थी
मैं भी कुछ बिहारी खाना
उनकी मदद से बनायीं थी
मेरे हर परेशानी का हल
वो करती थी
मेरे तबियत ख़राब होने पर
मिर्ची आग से मेरी
नजर उतारती थी
वो कहती तुम्हें
नजर लगी है
जब उनके पति का ट्रान्सफर हुआ
वो फूट -फूट कर रोई थी
मुझे छोड़कर वो
नहीं जाना चाहती थी
क्योकि
उन्हें मेरी चिंता थी
कि मैं अकेली हो जाऊँगी
मैं भी रोई
दोनों खूब रोई
कैसा रिश्ता था ये
कौन थी वो
पता नहीं
पर किसी जन्म में
मेरी मां जरुर थी वो........
रंजना वर्मा
कुछ रिश्ते दिल से जुड़ जाते हैं ....जो खून के रिश्ते से बढ़कर
ReplyDeleteहोते हैं ........मुझे मेरा अतीत याद दिलाने के लिए धन्यवाद .........रंजना जी ....
भाषा कोई मायने नहीं रखती अगर दो लोग एक दूसरे की भावनाएँ समझते हों ।
ReplyDeleteबेहतरीन और मर्म स्पर्शी कविता।
सादर
ReplyDeleteकभी कभी अजनबी भी करीबी रिश्तेदार लगते हैं , भावना होना चाहिए
उन्हें मेरी चिंता थी
ReplyDeleteकि मैं अकेली हो जाऊँगी
मैं भी रोई
दोनों खूब रोई
कैसा रिश्ता था ये
कौन थी वो
पता नहीं
पर किसी जन्म में
मेरी मां जरुर थी वो.
कभी कभी यही अनजाना रिश्ता हमें पुर्व जन्म का प्रतीत होता है
सहज शब्दों में सच्ची पोस्ट...
ReplyDeleteमेरा मानना है कि कुछ इंसान, कुछ चेहरे अचानक मिल जाते हैं.. उनसे कोई रिश्ता नहीं होता, पर वे सब कुछ हो जाते हैं... हमेशा के लिए.... मैंने भी इसे काफी शिद्दत से महसूस किया है.....
अनजाना रिश्ता मजबूत हो गया। अच्छा लगा इस संबंध का अहसास कर।
ReplyDeleteअनजाना रिश्ता अपना सा ...बहुत सुन्दर..
ReplyDeleteबहुत बहुत धन्यवाद मेरे ब्लॉग में आपका बहुत बहुत स्वागत !!
Deleteअच्छी रचना, असल तस्वीर
ReplyDeleteबहुत सुंदर
शायद पूर्व जन्म का कुछ..
ReplyDeleteबहुत सुन्दर भावनात्मक अभिव्यक्ति.आभार . ये गाँधी के सपनों का भारत नहीं .
ReplyDeleteऐसे रिश्ते वाकई कई सवाल छोड़ जाते हैं.
ReplyDeleteयदि एक दूसरे की भावनाएं समझ में आ जाये तो क्या जाना क्या अनजाना,बेहतरीन भाव का प्रदर्शन,आभार.
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