तुझे बड़े भाग्य से पाया मैंने
तुझे बड़े जतन से पाला मैंने
जीवन फूल खिलाया तुमने
तु मेरी कोमल छाया है
मेरा ही रूप पाया तुमने
जीवन तुम पर लुटाया मैंने
हर झंझावत से बचाया तुम्हें
घर आंगन महकाया तुमने
इंद्रधनुषी रंग विखराया तूने
हर को स्नेह की डोर में बांधा तुमने
जीवन में हर रंग उतारा तुमने
माँ पापा की जान है तू
भाई छलकाता हरक्षण प्यार
बड़े विलम्ब से प्राप्त सुंदर हीरे मोती हो
अथक परिश्रम से मिले अमृत पुनीत हो
दुआ है मेरी तू सदा स्वस्थ चिरंजीव रहना
विहंसते होंठ रहें तेरे तू सदा प्रसन्नचित रहना
रंजना वर्मा
हर को स्नेह की डोर में बांधा तुमने
ReplyDelete--------------
so sweet...
बहुत बेहतरीन स्नेहभरी सुंदर प्रस्तुति ,,,
ReplyDeleteRECENT POST: मधुशाला,
आमीन ... बेटियां जीवन में मधुरता लाती हैं ... जीवन को संवेदित करती हैं ...
ReplyDeleteसुन्दर भाव लिए प्यारी रचना ...
बेटियों से जीवन मधुमय हो जाता है,बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति.
ReplyDeleteबेटियां तो अनमोल हैं
ReplyDeleteवाकई इनसे ही घर मैं बरक्कत रहती है
सुंदर भावपूर्ण रचना
उत्कृष्ट प्रस्तुति
बेटियां जीवन में रंग भरती हैं...... मन को छूने वाली पंक्तियाँ
ReplyDeleteमेरे पोस्ट को शामिल करने के लिए आपका शुक्रिया.
ReplyDeleteअंतिम पंक्तियाँ दिल को छू गयीं.... बहुत सुंदर कविता....
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर |दिल को छूती रचना |बिना बेटी के घर पूर्ण नहीं होता
ReplyDeleteआशा
बहुत अच्छी कविता हैं ........ रंजना मैडम ........... मैंने इस कविता को फेसबुक पे शेरे किया हैं ............ क्या गलत हैं .......... मैं ये नही जनता की ये गलत या सही ...............मुझे ऐसा लगा की इस कविता को हरेक आदमी तक पहुंचना चाहिए अगर आपको बुरा लगा तो ............ i am sorry...........
ReplyDeletesorry ki bat nahi... lekin mere nam ke sath denge.. dhanyawad
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