डूबती है जब सूरज की किरणें
तब याद तुम्हारी आती है
आती है जब रात की रानी
तब याद तुम्हारी आती है
छाती है जब घनघोर घटा
तब याद तुम्हारी आती है
आता है जब नयनों में सपना
तब याद तुम्हारी आती है
करती हूँ जब श्रंगार अपना
तब याद तुम्हारी आती है
याद में तेरे अहसास में तेरे
सपनों में खोए ये नयना
सतरंगी सपनों को अपने
दिल में बसाये ये नयना
सूर्य किरण से भी आगे
जाता है अनूठा प्यार तेरा
तेरे प्यार की अनूठी छांव में
खिलता है ये संसार मेरा .........
रंजना वर्मा
ये हुई न मोहब्बत.....
ReplyDeleteसुन्दर!!!!
अनु
धन्यवाद अनु जी ...
Deleteआज की ब्लॉग बुलेटिन गूगल पर बनाइये अपनी डिजिटल वसीयत - ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
ReplyDeleteब्लॉग बुलेटिन में मेरे पोस्ट को शामिल करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद ......
Deleteबहुत खूब
ReplyDeletelatest post"मेरे विचार मेरी अनुभूति " ब्लॉग की वर्षगांठ
आपको बहुत बहुत धन्यवाद.....
Deleteबहुत सुन्दर रचना | आभार
ReplyDeleteकभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |
Tamasha-E-Zindagi
Tamashaezindagi FB Page
धन्यवाद......
DeleteSunder Panktiyan
ReplyDeleteधन्यवाद मोनिका जी..
Deleteतुमने भूलकर आज मुझको याद किया
ReplyDeleteहमने तुम्हारी याद में सब कुछ भुला दिया,,
पोस्ट पर आने के लिए शुक्रिया,
आप भी मेरे ब्लॉग को फालो करे मुझे हार्दिक खुशी होगी,,,,आभार
RECENT POST : क्यूँ चुप हो कुछ बोलो श्वेता.
बहुत बहुत आभार !
Deletebehatarin rachana,shubhkamnayen.
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार !
Deleteप्रेम भाव से लबालब कविता है। भागदौड में यादों की बातें गुम हो रही है, ऐसे में आपकी कविता ताजगी और हरेपन को लेकर आती है।
ReplyDeleteधन्यवाद विजय जी...
Deleteबहुत सुन्दर रचना ,
ReplyDeleteधन्यवाद.....
Deleteप्रशंसनीय रचना - बधाई
ReplyDeleteशब्दों की मुस्कुराहट पर …..मैं अकेला चलता हूँ
धन्यवाद...
Deleteatiutam- bhavpurn-***
ReplyDeleteधन्यवाद....
Deletebahut badhiya yaaden kabhi pichh nahi chhodti hai .....
ReplyDeleteबहुत बहुत धन्यवाद....निशा जी.
Delete