स्तब्ध हैं हम !!!
सरकार की उदासीनता हमने देखी
पुलिस की बर्बरता हमने देखी
पुलिस की कट्टरता
बहुत सी बात खोलती है
प्रशासन की राज़ खोलती है
निहथ्यो के उपर कठोर वार करना इन्हें आता
क्या देश के युवा कुछ नाजायज मांग रहें थे ?
सिर्फ दोषियों को सजा ही तो मांग रहे थे
इंसाफ इस दामिनी के लिए
इंसाफ आने वाले कल के लिए
वो इंसाफ मांग रहे थे बिना किसी स्वार्थ के
वो इंसाफ मांग रहे थे बिना किसी शर्त के
युवाओ का आह्वान
कर देंगे खाक जमीं आसमां को
रंग देंगे अपने लहू से क्षितिज को
तब इस सरजमीं पे
कोई दामिनी किसी की शिकार नहीं होगी
किसी के बाहुपाश की सौगात नहीं होगी
मिटा देंगे बलात्कारी तुम्हे हम
अब ठहर जा
सहम जा
इस देश के युवाओ से
दामिनी के दर्द से दहल रहा है
तुम्हें दंड देने को उबल रहा है
बहुत सह ली हमने
अब और नहीं सहेंगे .........
रंजना वर्मा
आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार (21-04-2013) के चर्चा मंच 1220 पर लिंक की गई है कृपया पधारें. सूचनार्थ
ReplyDeleteमेरे पोस्ट को चर्चा -मंच में शामिल करने के लिए आपको बहुत बहुत शुक्रिया !
Deleteआस-पास की घटनाएं मन में जब घर करके बैठती है तब ऐसी कविताओं का निर्माण होता है। अपने देश में जो रोज घटित हो रहा है वह हैवानियत से कम नहीं। अब रणरागिनी ही बनना पडेगा।
ReplyDeleteसही कहा आपने...
Deleteमेरे पोस्ट को ब्लॉग बुलेटिन में शामिल करने के लिए आपको बहुत बहुत शुक्रिया !
ReplyDeleteदामिनी के दर्द से दहल रहा है
ReplyDeleteतुम्हें दंड देने को उबल रहा है
बहुत सह ली हमने
अब और नहीं सहेंगे .........,सुंदर रचना,,,
RECENT POST : प्यार में दर्द है,
धन्यवाद ..
Deleteनिकम्मी सरकारसे और क्या उम्मीद है ?
ReplyDeletelatest post तुम अनन्त
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सही कहा पता नहीं कब देश की व्यवस्था ठीक होगी....
Deleteजब जब मन में आक्रोश सीमा लांघने लगता है ... ऐसे शब्द निर्माण होते हैं ...
ReplyDeleteदिल दहल जाता है ये सब देख के ...
सही कहा गुस्सा आना स्वाभाविक है......
Deleteरंजना जी पता नहीं कब ये सब ख़तम होगा ... इसी उम्मीद पे हैं की सब जल्दी से ठीक हो जाए ..
ReplyDeleteसच तो यही है कि इस दुर्दशा से मुक्ति पाने के लिये हम सभी को अपना योगदान करना होगा. चुनौती देनी ही होगी. संवेदनशील प्रस्तुति.
ReplyDeleteसही कहा चुनौती तो देनी होगी..... धन्यवाद
Deleteअब तो सिर्फ ये जज्बा कुछ सार्थक करवा पाए यही उम्मीद है .....
ReplyDeleteसही कहा यही उम्मीद है कि इस तरह की घटना न हो.... धन्यवाद
Deleteअब वीभत्स हादसे रुकें ...यही उम्मीद है
ReplyDeleteबिल्कुल अब यही उम्मीद है कि इस तरह की घटना न हो.....धन्यवाद.
Deleteइस देश के युवाओ से
ReplyDeleteदामिनी के दर्द से दहल रहा है
तुम्हें दंड देने को उबल रहा है
बहुत सह ली हमने
अब और नहीं सहेंगे .-----cheetawni deti rachna bahut sateek
सही कहा गुस्सा आना स्वाभाविक है..... धन्यवाद .
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