तुम कभी भी अपने
प्यार का इजहार
नहीं करते हो
वैसे भी प्यार
जतलाने की नहीं
महसूस करने की है
तुम मौन रहकर
अपनी भावों से
सब कह देते हो
तुम्हारा प्यार उस
विशाळ वट वृक्ष
की तरह है
जो दूर दूर तक
अपनी जड़ को
फैला कर
पेड़ को मजबूती
देता है
उसी तरह तुम्हारा
प्यार भी
मुझे अंतर्मन में
इस तरह थामा
कि मैं बाहर की दुनिया में
बिना डरे बिना गिरे
झूम सकूँ गा सकूँ
गुनगुना सकूँ
अपनी खुशबू
चारों और फैला सकूँ
और तुम दूर खड़े
अपने प्यार पर
इतरा रहे होते हो ..........
रंजना वर्मा
प्यार का इजहार
नहीं करते हो
वैसे भी प्यार
जतलाने की नहीं
महसूस करने की है
तुम मौन रहकर
अपनी भावों से
सब कह देते हो
तुम्हारा प्यार उस
विशाळ वट वृक्ष
की तरह है
जो दूर दूर तक
अपनी जड़ को
फैला कर
पेड़ को मजबूती
देता है
उसी तरह तुम्हारा
प्यार भी
मुझे अंतर्मन में
इस तरह थामा
कि मैं बाहर की दुनिया में
बिना डरे बिना गिरे
झूम सकूँ गा सकूँ
गुनगुना सकूँ
अपनी खुशबू
चारों और फैला सकूँ
और तुम दूर खड़े
अपने प्यार पर
इतरा रहे होते हो ..........
रंजना वर्मा
वाह ....बहुत बढ़िया
ReplyDeletepyaar pr ...etra rhe hote ...
ReplyDeletesunder prastiti.....di
visit & follow
''anandkriti''
http://anandkriti007.blogspot.com
आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल शुक्रवार (26-04-2013) के चर्चा मंच 1226 पर लिंक की गई है कृपया पधारें. सूचनार्थ
ReplyDeleteअरुणजी मेरे पोस्ट को चर्चा मंच में लेने के लिए आपको बहुत बहुत शुक्रिया!
Deleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति | बधाई |
ReplyDeleteकभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |
Tamasha-E-Zindagi
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उसी तरह तुम्हारा
ReplyDeleteप्यार भी
मुझे अंतर्मन में
इस तरह थामा।
उसी तरह तुम्हारा प्यार भी मुझे अंतर्मन में ऐसे थामता.......क्या पंक्तियां ऐसी नहीं होनी चाहिए। कुछ रवानगी खटकी इसलिए लिखा। विचार कर लीजिएगा। सीधी सुन्दर कविता। मुझसे जुड़ने के लिए धन्यवाद।
जी विकेश जी मैने लिखा है कि 'तुम्हारा प्यार आलरेडी थाम चुका है' ठीक है न .धन्यवाद .
Deleteबहुत सुन्दर और सार्थक प्रस्तुति!
ReplyDeleteसाझा करने के लिए धन्यवाद!
आपको बहुत बहुत धन्यवाद मेरे ब्लॉग में आने के लिए.
Deleteआपको बहुत बहुत धन्यवाद मेरे ब्लॉग में आने के लिए.
ReplyDeleteमेरे पोस्ट को अपने blogpost में शामिल करने के लिए आपको बहुत बहुत शुक्रिया
ReplyDeleteमुझे साझा करने के लिए धन्यवाद .
ReplyDeleteप्यार पर इतरा रहे हो
ReplyDeleteप्यार में इतना घमंड
प्यार का मनभावन अहसास
सुंदर प्रस्तुति
बहुत उम्दा- भावपूर्ण!
ReplyDeleteसुन्दर रचना
ReplyDeleteबहुत सुन्दर....सीधे दिल से निकली पंक्तियाँ सदा अच्छी लगती हैं.
ReplyDeleteअनु
अंतस को छूती बहुत प्यारी रचना...
ReplyDeleteआप सबको मेरे पोस्ट पर आने और अपना कीमती समय देने के लिए बहुत बहुत शुक्रिया.
ReplyDeleteलाजवब !!१
ReplyDeleteकभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |
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