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Thursday, 25 April 2013

प्यार पर इतरा रहे होते हो ..........

       तुम कभी भी अपने
      प्यार का इजहार
      नहीं करते हो
      वैसे भी प्यार
      जतलाने की नहीं
       महसूस करने की है
       तुम मौन रहकर
       अपनी भावों  से
       सब कह देते हो
       तुम्हारा प्यार उस
       विशाळ वट वृक्ष
       की तरह है 
       जो दूर दूर तक
       अपनी जड़ को
       फैला कर
       पेड़ को मजबूती
        देता है
        उसी तरह तुम्हारा
        प्यार  भी 
        मुझे अंतर्मन में
        इस  तरह थामा
        कि मैं बाहर की दुनिया में
        बिना डरे बिना गिरे
        झूम सकूँ गा सकूँ
        गुनगुना सकूँ
        अपनी खुशबू
        चारों और फैला सकूँ
        और तुम दूर खड़े
        अपने प्यार पर
        इतरा रहे होते हो ..........
                                                                       रंजना वर्मा  



19 comments:

  1. pyaar pr ...etra rhe hote ...

    sunder prastiti.....di
    visit & follow
    ''anandkriti''
    http://anandkriti007.blogspot.com

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  2. आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल शुक्रवार (26-04-2013) के चर्चा मंच 1226 पर लिंक की गई है कृपया पधारें. सूचनार्थ

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    1. अरुणजी मेरे पोस्ट को चर्चा मंच में लेने के लिए आपको बहुत बहुत शुक्रिया!

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  3. बहुत सुन्दर प्रस्तुति | बधाई |

    कभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |
    Tamasha-E-Zindagi
    Tamashaezindagi FB Page

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  4. उसी तरह तुम्हारा
    प्यार भी
    मुझे अंतर्मन में
    इस तरह थामा।

    उसी तरह तुम्‍हारा प्‍यार भी मुझे अंतर्मन में ऐसे थामता.......क्‍या पंक्तियां ऐसी नहीं होनी चाहिए। कुछ रवानगी खटकी इसलिए लिखा। विचार कर लीजिएगा। सीधी सुन्‍दर कविता। मुझसे जुड़ने के लिए धन्‍यवाद।

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    1. जी विकेश जी मैने लिखा है कि 'तुम्हारा प्यार आलरेडी थाम चुका है' ठीक है न .धन्यवाद .

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  5. बहुत सुन्दर और सार्थक प्रस्तुति!
    साझा करने के लिए धन्यवाद!

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    Replies
    1. आपको बहुत बहुत धन्यवाद मेरे ब्लॉग में आने के लिए.

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  6. आपको बहुत बहुत धन्यवाद मेरे ब्लॉग में आने के लिए.

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  7. मेरे पोस्ट को अपने blogpost में शामिल करने के लिए आपको बहुत बहुत शुक्रिया

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  8. मुझे साझा करने के लिए धन्यवाद .

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  9. प्यार पर इतरा रहे हो
    प्यार में इतना घमंड
    प्यार का मनभावन अहसास
    सुंदर प्रस्तुति

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  10. बहुत उम्दा- भावपूर्ण!

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  11. सुन्दर रचना

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  12. बहुत सुन्दर....सीधे दिल से निकली पंक्तियाँ सदा अच्छी लगती हैं.

    अनु

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  13. अंतस को छूती बहुत प्यारी रचना...

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  14. आप सबको मेरे पोस्ट पर आने और अपना कीमती समय देने के लिए बहुत बहुत शुक्रिया.

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  15. लाजवब !!१

    कभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |
    http://www.tamasha-e-zindagi.blogspot.in
    http://www.facebook.com/tamashaezindagi

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