मुझसे बात करो कुछ दिल से
प्यार करो कुछ इस तरह से
नेह की छांव में कुछ देर रुक कर
प्रीत में मेरे भीगकर तो देखो
मिलन की चाह से अलग
कभी तो मिलो मुझसे !
मेरी सांसों की खुशबू में
थोड़ी देर और ठहर जाओ
घुल जाएगी सब दूरियां
थोडी और करीब आकर तो देखो
मन की चाह से अलग
कभी तो मिलो मुझसे !
इन गिरते उठते मेरी पलकों में
छुपकर स्नेह लगा लो जरा
आखों में कजरा बन कर
अपनी प्यास बुझा कर देखों
चाहत की रंग से अलग
कभी तो मिलो मुझसे !
तुमसे मिलने की बेकरारी हमें भी
आकर गले लगा लो जरा
मिलने की हसरतें ले कब से बैठी
आगोश में कुछ देर छुपा कर तो देखो
तन की चाह से अलग
कभी तो मिलो मुझसे !
रंजना वर्मा
प्यार करो कुछ इस तरह से
नेह की छांव में कुछ देर रुक कर
प्रीत में मेरे भीगकर तो देखो
मिलन की चाह से अलग
कभी तो मिलो मुझसे !
मेरी सांसों की खुशबू में
थोड़ी देर और ठहर जाओ
घुल जाएगी सब दूरियां
थोडी और करीब आकर तो देखो
मन की चाह से अलग
कभी तो मिलो मुझसे !
इन गिरते उठते मेरी पलकों में
छुपकर स्नेह लगा लो जरा
आखों में कजरा बन कर
अपनी प्यास बुझा कर देखों
चाहत की रंग से अलग
कभी तो मिलो मुझसे !
तुमसे मिलने की बेकरारी हमें भी
आकर गले लगा लो जरा
मिलने की हसरतें ले कब से बैठी
आगोश में कुछ देर छुपा कर तो देखो
तन की चाह से अलग
कभी तो मिलो मुझसे !
रंजना वर्मा
नेह की छांव में कुछ देर रुक कर
ReplyDeleteप्रीत में मेरे भीगकर तो देखो--------
वाह प्रेम का महीन अहसास
सुंदर रचना
बधाई
http://jyoti-khare.blogspot.in/-------में
सम्मलित हों
बहुत बहुत आभार आपका, सादर आमंत्रित .
Deleteबहुत सुंदर ....प्रेमपगे भावों को लिए सुंदर शब्द
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार आपका, सादर आमंत्रित .
Deleteबहुत ही सुन्दर भावपूर्ण प्रस्तुति,आभार.
ReplyDeleteकोमेट्स के वर्ड वेरिफिसकेशन को हटा लेते तो पाठकों को टिप्पडी करने में आसानी होती.
बहुत बहुत आभार आपका, सादर आमंत्रित .
Deleteप्रेम का आवेश लिए ... मधुर इच्छा के साथ ...
ReplyDeleteसुन्दर भावपूर्ण रचना ...
बहुत बहुत आभार आपका,सादर आमंत्रित
ReplyDeleteसार्थक और बेहद खूबसूरत,प्रभावी,उम्दा रचना है..शुभकामनाएं।
ReplyDeleteबहुत बहुत आपका आभार !
DeleteThis comment has been removed by the author.
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