मुझे सपनों की दुनिया में ले चल
मुझे ख्वाबों की दुनिया में ले चल
आरजू है यही तेरे हाथ में मेरा हाथ हो
नीले गगन के नीचे सदा साथ हो
कोई ऐसी जगह ले चल ..........
जहाँ ख्वाबों की दुनिया में छोटा सा आशियाना हो
जहाँ प्यार की छत और दुआवों का साथ हो
सांसों की कड़ियों से सजा संसार हो
जहाँ एक दुसरे की धड़कन हम सुनने लगे
हमारे कदम यू हीं बहकने लगे
जहाँ सिर्फ हवाओं से बात हो
जहाँ सिर्फ तारों का साथ हो
मुझे झिलमिल सितारों के पार ले चल
कोई ऐसी जगह ले चल .............
जहाँ न हो दुनिया की बंदिशें
जहाँ न हो दिल पर पहरा किसी का
निगाहों ही निगाहों में जहाँ बात हो
मुझे उस क्षितिज के पार ले चल
कोई ऐसी जगह ले चल ..............
रंजना वर्मा
सुंदर रचना
ReplyDeleteबहुत बहुत आपका आभार ! नव वर्ष की बहुत बहुत शुभ कामनाएं !
Deleteसपनों की दुनिया पर इंसान का जीना निर्भर है। रोज नए सपने और उसे पूरा करना फिर नया सपना। जहां खूबसूरत प्रकृति और झिलमिल तारे हो और बात करने के लिए कोई अपना आत्मीय प्रेमी हो तो सोने पे सुहागा। ऐसे सपने हर एक के हो और वह पूर्ण भी हो।
ReplyDeleteसही कहा आपने, बहुत बहुत आपका आभार ! नव वर्ष की बहुत बहुत शुभ कामनाएं
Deleteबहुत ही सुन्दर बेहतरीन रचना,आपको नवसंवत्सर की हार्दिक मंगलकामनाएँ!
ReplyDeleteबहुत बहुत आपका आभार ! नव वर्ष की बहुत बहुत शुभ कामनाएं !
Deleteनवसंवत्सर की शुभकामनायें
ReplyDeleteआपको आपके परिवार को हिन्दू नववर्ष
की मंगल कामनायें
बहुत बहुत आभार आपका!आपको और आपके परिवार को नव वर्ष की बहुत बहुत शुभ कामनाएं!
ReplyDeleteसुन्दर अभिलाषा.
ReplyDeleteबहुत बहुत आपका आभार ! नव वर्ष की बहुत बहुत शुभ कामनाएं !
ReplyDeleteजहाँ न हो दुनिया की बंदिशें
ReplyDeleteजहाँ न हो दिल पर पहरा किसी का...
सुन्दर अभिलाषा.नववर्ष की कामनाएं
बहुत बहुत आपका आभार ! नव वर्ष की बहुत बहुत शुभ कामनाएं !
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार (14-04-2013) के चर्चा मंच 1214 पर लिंक की गई है कृपया पधारें. सूचनार्थ
ReplyDeleteचर्चा -मंच में मेरी कविता को शामिल करने के लिये आपको बहुत बहुत धन्यवाद .
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ReplyDeleteबहुत सुन्दर....बेहतरीन प्रस्तुति
पधारें "आँसुओं के मोती"
आपको बहुत बहुत धन्यवाद .
Deleteग़ज़ब की कविता ... कोई बार सोचता हूँ इतना अच्छा कैसे लिखा जाता है
ReplyDeleteआपको मेरी कविता पसंद आयी इसके लिए आपको बहुत बहुत धन्यवाद
Deleteसुंदर भाव पूरण रचना
ReplyDeleteसादर
''माँ वैष्णो देवी ''
सरिता जी मेरे ब्लॉग में आपका स्वागत और रचना पसंद करने के लिये आपका धन्यवाद. .
Deleteवाह !
ReplyDeleteयहाँ तो खूबसूरत ख्यालों की वादियों में मुस्काते शब्द हैं !
स्वप्न मञ्जूषा जी हमारे ब्लॉग में आने के लिए और रचना पसंद करने के लिए शुक्रिया .
Deleteजहाँ न हो दुनिया की बंदिशें
ReplyDeleteजहाँ न हो दिल पर पहरा किसी का
निगाहों ही निगाहों में जहाँ बात हो
मुझे उस क्षितिज के पार ले चल
कोई ऐसी जगह ले चल ..............
बहुत अभिव्यक्ति इस प्यारे गीत के माध्यम से.
रंजना जी आपके ब्लॉग को ज्वाइन भी कर रही हूँ जिससे आगे भी आके रचनाओं से रूबरू हो सकूं.
ReplyDeleteरचना जी आपको बहुत बहुत धन्यवाद मेरे ब्लॉग ज्वाइन करने के लिए .मैं ब्लॉग की दुनिया में अभी नयी हूँ मेरी रचना को पसंद करने के लिए बहुत बहुत आभार .
Deleteभावपूर्ण बहुत सुन्दर रचना !
ReplyDeletelatest post वासन्ती दुर्गा पूजा
LATEST POSTसपना और तुम
हमारे ब्लॉग में आने के लिए और रचना पसंद करने के लिये आपका बहुत बहुत आभार !
DeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteनवरात्रों की बहुत बहुत शुभकामनाये
ReplyDeleteआपके ब्लाग पर बहुत दिनों के बाद आने के लिए माफ़ी चाहता हूँ
बहुत खूब बेह्तरीन अभिव्यक्ति!शुभकामनायें
आज की मेरी नई रचना आपके विचारो के इंतजार में
मेरी मांग
आपका कमेंट्स स्पैम में रह गया था माफ़ी चाहती हूँ कमेंट्स के लिए हार्दिक धन्यवाद !!
Deleteनवरात्रों की बहुत बहुत शुभकामनाये
ReplyDeleteआपके ब्लाग पर बहुत दिनों के बाद आने के लिए माफ़ी चाहता हूँ
बहुत खूब बेह्तरीन अभिव्यक्ति!शुभकामनायें
आज की मेरी नई रचना आपके विचारो के इंतजार में
मेरी मांग
waah ....bahut acchi prastuti ....
ReplyDeleteमेरे ब्लॉग में आने के लिए शुक्रिया !आपको नवसंवत्सर की बहुत बहुत शुभकामनायें .
Deleteरंजना जी बहुत ही बढ़िया भाव .. बधाई !
ReplyDeleteमेरी रचना अच्छी लगी ये जानकर बहुत ख़ुशी हुई आपको बहुत बहुत धन्यवाद .
ReplyDeleteसुन्दर प्रस्तुति | शुभकामनायें नवसंवत्सर की बहुत बहुत शुभकामनायें हम हिंदी चिट्ठाकार हैं
ReplyDeleteBHARTIY NARI
PLEASE VISIT .
मेरे ब्लॉग में आने के लिए शुक्रिया !आपको भी नवसंवत्सर की बहुत बहुत शुभकामनायें.
Deletesundar atisundar , badhai
ReplyDeleteशुक्रिया !आपको नवसंवत्सर की बहुत बहुत शुभकामनायें .
Deleteजहाँ एक दुसरे की धड़कन हम सुनने लगे
ReplyDeleteहमारे कदम यू हीं बहकने लगे
जहाँ सिर्फ हवाओं से बात हो
जहाँ सिर्फ तारों का साथ हो
मुझे झिलमिल सितारों के पार ले चल
कोई ऐसी जगह ले चल ...
जिस जगह भी प्रेम है ... ये जगह वही है ... गहरे एहसास प्यार के ...
मेरे ब्लॉग में आने के लिए शुक्रिया !आपको नवसंवत्सर की बहुत बहुत शुभकामनायें .
Deleteकोई ऐसी जगह ले चल .............
ReplyDeleteवाह .... बहुत खूब चला इन पंक्तियों का जादू शुरू से लेकर अंत तक
मेरे ब्लॉग में आने के लिए आपको बहुत बहुत शुक्रिया !
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